हड्डी के डॉक्टरों का प्रशिक्षण संपन्न।
जौनपुर।स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत कार्यरत मिरेकल फीट इंडिया की ओर से जिला पुरुष चिकित्सालय के आर्थोपेडिक डॉक्टरों की ट्रेनिंग कराई गई। इस दौरान उन्हें गुणवत्ता पूर्ण उपचार देने के लिए सही ढंग से प्लास्टर लगाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें जन्मजात क्लब फुट (टेढ़े पंजे) से प्रभावित 16 बच्चों को देखा गया जिसमें से तीन नए थे जबकि 13 बच्चों का पहले से ही इलाज चल रहा था। एक बच्चे का आंशिक आपरेशन किया गया और 12 को प्लास्टर लगाया गया। प्लास्टर लगवाने वालों में तीन नए और चार पुराने बच्चे थे। चार बच्चों के जूते बदले गए।
राजकीय मेडिकल कालेज आजमगढ़ के असिस्टेंट प्रोफसर तथा मास्टर ट्रेनर डॉ सौरभ राय ने बच्चों को बेहतर तरीके से प्लास्टर लगाने, टेनोटमी करने तथा जूते पहनाते समय ध्यान रखी जाने वाली बातों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जन्मजात टेढ़े पैर वाले बच्चों को प्लास्टर के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। उनके टेढ़े पंजे को सीधा कर प्लास्टर लगाया जाता है। पंजों को सीधा रखने के लिए मिरेकल फीट इंडिया विशेष प्रकार के जूते देती है। इन जूतों को शुरुआत के तीन महीने तक 23 घंटे पहना जाता है। उसके बाद रात को सोते समय
पहना जाता है। पंजे को सीधा करने की प्रक्रिया में लगने वाला प्लास्टर और जूतों का खर्च मिरेकल फीट इंडिया वहन करती है। मिरेकल फीट की प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव अंकिता श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में वर्ष 2019 से अब तक 59 बच्चों का पंजीकरण किया जा चुका है और उनका इलाज चल रहा है। इनमें से 14 बच्चों का प्लास्टर चल रहा है। शेष को जूते (ब्रेसेज) मिल चुके हैं।
प्रशिक्षण में डॉ आरके जायसवाल, डॉ एसपी नारायन, डॉ दिलीप, डॉ नितिन, डॉ अवनीश तथा मिरेकल फीट इंडिया हेडक्वार्टर से भूपेश सिंह, और कोमल ने भाग लिया।
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